मुंबई: महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार ने शुक्रवार को महाविकास अघाड़ी के कई वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा हटाने का बड़ा फैसला लिया है। इसके साथ ही शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे व उनके परिवार की सुरक्षा को पूर्ववत रखा गया है लेकिन उद्धव ठाकरे के निजी सहायक मिलिंद नार्वेकर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसे लेकर राज्य की सियासत में चर्चा गरमा गई है।
जानकारी के अनुसार शिंदे-फडणवीस सरकार ने शिवसेना युवा नेता वरुण सरदेसाई, पूर्व मंत्री छगन भुजबल, पूर्व मंत्री बालासाहेब थोराट, पूर्व मंत्री नितिन राउत, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, राज्यसभा सदस्य संजय राउत, पूर्व मंत्री सतेज पाटिल, पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार, पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे, पूर्व मंत्री नवाब मलिक, पूर्व मंत्री भास्कर जाधव, विधान सभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल, पूर्व मंत्री सुनील केदार, सांसद डेलकर व इनके परिवार की सुरक्षा लिया है। साथ ही राज्य सरकार ने उद्धव ठाकरे के सहायक मिलिंद नार्वेकर की सुरक्षा बढ़ाकर वाई प्लस कर दिया है। अब मिलिंद नार्वेकर को एस्कॉर्ट भी दिया गया है। शिवसेना उद्धव ठाकरे समूह के विधायक राजाराम सालवी की सुरक्षा भी हटा ली गई है, पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार के ठाकरे और पवार परिवारों की सुरक्षा को बरकरार रखा गया है।
पूर्व राज्यमंत्री सतेज पाटिल ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा गृह विभाग की कमेटी निर्धारित करती है। लेकिन लगता है इस कमेटी ने गलत आधार पर वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा के बारे में निर्णय लिया है।