जयपुर: वैदिक मंत्रों की गूंज और जय परशुराम के उद्घोष के साथ राजधानी जयपुर में ब्राह्मण महापंचायत का ऐतिहासिक आयोजन हुआ . राजस्थान ही नही देश के कई कोनों से लोग पहुंचे. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भगवान परशुराम की स्मृति में डाक टिकट का विमोचन किया और सामाजिक एकता की बात कही.विप्र सेना के प्रमुख सुनील तिवारी ने विभिन्न मांगों का सामने रखा.विश्विद्यालय बनाने की मांग उठाई अनुराग शर्मा ने . मंच पर साधु संत मौजूद रहे तो सभी सामाजिक हस्तियों की मौजूदगी रही. आयोजकों का दावा है की 5लाख विप्र बंधु जुटे .
राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से कुछ को छोड़कर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 से 60हजार तक ब्राह्मण मतदाता है. इसी प्रकार प्रदेश के 25लोकसभा क्षेत्रों में 1 से 4लाख तक ब्राह्मण मतदाता है. 15संसदीय क्षेत्रों से तो ब्राह्मण सांसद रह चुके है.. ब्राह्मणों ने आजादी की लड़ाई में बढचढ कर भाग लिया, पहले ब्राह्मण पूर्णतया कांग्रेस के साथ रहे लेकिन आगे चलकर राम राज्य पार्टी, जनसंघ और बीजेपी के साथ रहे… राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री हीरा लाल शास्त्री ब्राह्मण थे, इसके बाद जयनारायण व्यास, टीकाराम पालीवाल, हरिदेव जोशी जैसे कद्दावर ब्राह्मण नेता भी मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे.बीजेपी में कभी ब्राह्मण नेता सीएम नहीं रहा लेकिन हरिशंकर भाभड़ा उप मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे लेकिन बीते कुछ सालों से ब्राह्मण राजनीति हाशिये पर है पहले जितना प्रतिनिधित्व विधानसभा हो या लोक सभा ब्राह्मण वर्ग का नही रहा. सामाजिक उत्थान की बातें भी लगातार उठती जा रही थी. चाहे ओबीसी के बराबर हो स्वर्ण आरक्षण हो ,ईडब्ल्यूएस की विसंगतियां दूर की जाए.
मंदिर से जुड़ी भूमि के लिए अलग से ट्रिब्यूनल बनाया जाए ,पुजारियों के प्रोटेक्शन के लिए कानून बने ,मंदिरों पर अधिकार के लिए रिलीजियस एक्ट बने,Sc-st एक्ट से जुड़ी धाराओं की विसंगति दूर की जाये और भगवान परशुराम के नाम से विश्वविद्यालय बनाने की मांग जैसे तमाम कारण थे जो जयपुर में आयोजित ब्राह्मण महापंचायत को विराट स्तर पर करने के कारण बने. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भगवान परशुराम की स्मृति में डाक टिकट लॉन्च किया तो वही सामाजिक एकता की बात की ये भी कहा मुझे सर मत बोलना अश्विनी भाई बोलना . विप्र सेना प्रमुख सुनील तिवारी ने सामाजिक मांगो को सामने रखा और मंच से कह दिया मैं कभी चुनाव नही लडूंगा और ना ही मेरा परिवार . अनुराग शर्मा ने परशुराम जी के नाम पर यूनिवर्सिटी की मांग की .
ब्राह्मण महापंचायत में वेद मंत्रों की गूंज और तांडव स्त्रोतम के बीच संत समाज का जमावड़ा रहा प्रदेश और देश के ख्यातनाम संत मौजूद रहे जिन्होंने कार्यक्रम में अपना आशीर्वाद दिया. राजनीतिक दलों से तमाम प्रमुख ब्राह्मण नेता मौजूद रहे . कांग्रेस दल से जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी , गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा ,विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा, ईडब्ल्यूएस बोर्ड के चेयरमैन अनिल शर्मा, विधायक राकेश पारीक, अर्चना शर्मा, पुष्पेंद्र भारद्वाज,बीजेपी के कद्दावर नेता और सांसद घनश्याम तिवारी , चित्तौड़ सांसद सीपी जोशी,जयपुर सांसद रामचरण बौहरा ,विधायक रामलाल शर्मा , संजय शर्मा, अभिनेश महर्षी ,राजकुमार रिणवा,आम आदमी पार्टी के प्रभारी और विधायक विनय मिश्रा साथ अन्य दलों से भी बीजेपी के प्रदेश के अध्यक्ष सतीश पूनिया उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ गुर्जर नेता विजय बैंसला समेत कई नेताओं की मौजूदगी रही.घनश्याम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर केवल हिंदुओं का अधिकार हो और रिलीजियस एक्ट बनाया जाए. चित्तौड़ के युवा सांसद सीपी जोशी ने कहा कि एक दूसरे की टांग खींचना बंद करना चाहिए समाज के लोगों को और गरीब ब्राह्मण की बेटी की शादी में मदद करने का काम करें. पुष्पेंद्र भारद्वाज ने मंच से ब्राह्मण सीएम की मांग उठा दी.
जाट महाकुंभ के मंच से जाट सीएम की आवाज बुलंद हुई थी. ब्राह्मण महापंचायत के आयोजन में भी ब्राह्मण सीएम की मांग बुलंद हुई.वैसे तो राजस्थान की कांग्रेस सरकार में ब्राह्मण दिग्गजों का बोलबाला है असम विधानसभा के स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी, शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला, जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी सरीखे दिग्गज है लेकिन राजस्थान के सियासी इतिहास में ब्राह्मण सियासत का बोलबाला रहा. इनमें से कुछ आज दुनिया में नहीं है और कुछ वह है जो आज चमकते सितारे है
—ब्राह्मण सियासत – – – –
कांग्रेस के ब्राह्मण दिग्गज
-स्व. हीरालाल शास्त्री
-स्व. जयनारायण व्यास
-स्व.टीकाराम पालीवाल
-स्व.हरिदेव जोशी
-स्व.भोगीलाल पांड्या
-स्व.रामकरण जोशी
-स्वगिरधारी लाल व्यास
-स्व.गौरीशंकर उपाध्याय
-स्व.हरिभाऊ उपाध्याय
-स्व.पं नवल किशोर शर्मा
स्वर्गीय भंवर लाल शर्मा
-स्व.बीएन जोशी
-स्व. मोहन छंगाणी
-स्व. रामपाल उपाध्याय
-स्व. नरोत्तम लाल जोशी
-स्व. दामोदर व्यास
सुरेंद्र व्यास
-गिरिराज प्रसाद तिवाड़ी
-स्व. बृजसुंदर शर्मा
-स्व. चंद्रशेखर शर्मा
स्वर्गीय बनवारी लाल शर्मा
-स्व.सहदेव शर्मा
-डॉ सीपी जोशी
-डॉ गिरिजा व्यास
-बीडी कल्ला
-महेश जोशी
-डॉ रघु शर्मा
शैलेंद्र जोशी
-राजेन्द्र पारीक
डॉ राजकुमार शर्मा
जगदीश तिवारी
–भाजपा के ब्राह्मण दिग्गज – –
-स्व भानु कुमार शास्त्री
-स्व. दाऊदयाल जोशी
-स्व. रघुवीर सिंह कौशल
-स्व. ललित किशोर चतुर्वेदी
स्वर्गीय भंवर लाल शर्मा
-स्व. गिरधारी लाल भार्गव
स्वर्गीय गोपाल जोशी
हरिशंकर भाभड़ा
-घनश्याम तिवाड़ी
सीपी जोशी
-अरुण चतुर्वेदी
रामलाल शर्मा
संजय शर्मा
अभिनेष महर्षी
-राजकुमार रिणवा
-रोहिताश्व शर्मा
-रामचरण बोहरा
-सूर्यकांता व्यास
–समाजवादी साम्यवादी विचारधारा के दिग्गज –
-स्व. प्रो केदार
-स्व. मुरलीधर व्यास
-स्व. एच के व्यास
स्वर्गीय पंडित रामकिशन
— राजस्थान में ब्राह्मण मतदाता
50 से अधिक सीटों पर सीधा वर्चस्व रखा
राजस्थान के प्रत्येक कोने में ब्राह्मण समाज की आबादी है
राजनीति में लंबे समय से वर्चस्व रहा है
आज गरीब और वंचित ब्राह्मण आरक्षण में बराबरी के अधिकार की मांग कर रहा है…. कभी ब्राह्मण नेतृत्व का राजनीति में स्वर्णिम काल रहा था.. संविधान सभा के 84प्रतिशत सदस्य ब्राह्मण थे. इतना ही नहीं तत्कालीन ब्राह्मण नेतृत्व ने ही एससी एसटी के आरक्षण की पैरवी की थी. आज ब्राह्मण राजनीति पूर्ण रूपेण हाशिये पर है.. समाज के लोग इसके लिये नेताओं को दोष देते है तो कुछ मौजूदा काल खंड को.. जबकि ब्राह्मण हमेशा से ही राजनीति में निर्णायक भूमिका अदा करते है.. बहरहाल परशुराम के वंशज फिर से खुद को उसी पुराने स्वर्णिम दौर में लाने के लिये लालायित है.. सोच वहीं रहनी चाहिये ‘सर्व जन हिताय’ ब्राह्मण महापंचायत में सभी वर्ग के नेताओं की मौजूदगी से शायद यही अहसास सामने आया और उमड़े जन सैलाब ने पूरी कहानी लिख दी . राजस्थान का ऐसा कोई भी इलाका नहीं था जहां से ब्राह्मण समाज का कोई व्यक्ति महापंचायत में नहीं पहुंचा हो हालात यह रहे कि बड़ी संख्या में लोग ट्रैफिक जाम के कारण समारोह स्थल तक ही नहीं पहुंच पाए. उम्मीद से परे जाकर ब्राह्मण महापंचायत में लोग जुटे. सामाजिक संदेश के साथ-साथ राजनीतिक संदेश भी गया और नए नेतृत्व की सुगबुगाहट भी देखने को मिली.