Connect with us

Hi, what are you looking for?

News

भारत की मानसिक आजादी जरूरी: सुधांशु त्रिवेदी

नागपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार सौ वर्ष पहले जेल से बाहर निकले थे। वह मानसिक रूप से उसी समय आजाद हो गए थे, लेकिन आज की हमारी मानसिकता लॉर्ड मैकाले और कार्ल मार्क्स के चंगुल से आजाद नहीं हो पाई है। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भारत और भारतीयों को मानसिक रूप से आजाद होना बेहद जरूरी है।

संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार 12 जुलाई 1922 को अंग्रेजों की कैद से आजाद हुए थे। इस आजादी के सौ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मंगलवार को नागपुर के वसंतराव देशपांडे सभागार में डॉ. हेडगेवार की जीवनी पर नाटक का मंचन किया गया। इससे पूर्व डॉ. हेडगेवार और उनके राष्ट्र चिंतन पर विचार रखते हुए सांसद डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि डॉ. हेडगेवार युगद्रष्टा थे। हमारे भूतकाल और भविष्य पर चिंतन करने से पहले डॉ. हेडगेवार की दृष्टि और विचारों को समझना बेहद जरूरी है। बतौर डॉ. त्रिवेदी दुनिया की सभी प्राचीन सभ्यताएं इतिहास के पन्नों में कैद होकर रग गई हैं, लेकिन भारतीय सभ्यता अनादि काल से यथावत चली आ रही है।

संघ और वीर सावरकर की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के मौजूदा नेता, वीर सावरकर के योगदान पर सवाल खड़ा करते हैं, लेकिन जब 1910 में अंग्रेजों ने सावरकर को कालेपानी की सजा सुनाई तब विलियम वेडरबर्न कांग्रेस के अध्यक्ष थे। डॉ. त्रिवेदी ने पूछा कि एक अंग्रेज की अध्यक्षता में उस समय कांग्रेस कौन सा आंदोलन कर रही थी? बतौर डॉ. त्रिवेदी, वर्ष 1910 में कांग्रेस स्वतंत्रता का आंदोलन कर रही थी यह दावा तथ्य से परे है। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पूर्ण स्वराज्य चाहती ही नहीं थी। डॉ. हेडगेवार ने 1920 में पूर्ण स्वराज्य की मांग रखी थी, जिसे कांग्रेस ने 10 वर्षों के बाद मंजूर किया। बतौर डॉ. त्रिवेदी, पूर्ण स्वराज्य की असली लड़ाई 1930 के बाद शुरू हुई।

Also Read:  Himachal Pradesh: CM Sukhu tables Economic Survey 2022-23 in Assembly

इतिहास के पन्नों पर रोशनी डालते हुए डॉ.त्रिवेदी ने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध में कांग्रेस नेताओं ने आजादी की उम्मीद पर ब्रिटिश हुकूमत का साथ दिया था, लेकिन विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अंग्रेजों ने भारत में रोलेट एक्ट लाया, जिसके विरोध में शुरू हुए आंदोलन के दौरान 13 अप्रैल 1919 के दिन जालियांवाला बाग कांड हुवआ। इसके बावजूद कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य की मांग नहीं रखी थी। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को लाहौर में हुए अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वराज्य की मांग रखी। कांग्रेस के दोहरे चरित्र पर वार करते हुए भाजपा प्रवक्ता डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में कांग्रेस के एक भी नेता को गोली नहीं लगी। लाला लाजपत राय को छोड़ किसी भी बड़े नेता पर लाठियां भी नहीं चलीं। कांग्रेस के एक भी नेता को कालेपानी की सजा नहीं हुई। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि रामप्रसाद बिस्मिल और अश्फाक उल्लाह खान को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ाया था। इन क्रांतिकारियों के खिलाफ कांग्रेस नेता जगतनारायण मुल्ला ने अंग्रेजों की ओर से मुकदमा लड़ा था। बतौर डॉ. त्रिवेदी, अंग्रेजी हुकूमत की पैरवी करने वालों को दूसरों पर कटाक्ष करने का अधिकार नहीं है।

राज्यसभा सदस्य डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 16 मई 2014 को सरकार बनने के बाद 18 मई 2014 को ब्रिटन के गार्डियन अखबार ने लिखा था, “भारत को असली आजादी आज मिली है। अबतक भारतीय शासन में ब्रिटिश कॉलोनियल मानसिकता यथावत थी।” त्रिवेदी ने कहा कि अमृत महोत्सव से आजादी की शताब्दी तक का 25 वर्ष का समय अमृत काल है। अगले 25 वर्षों में हमें प्राचीन भारत के असली स्वरूप के साथ आगे बढ़ना होगा।

Also Read:  After Lata Mangeshkar's passing, tributes poured in from all over the world

The Political Observer is a premier online platform committed to delivering in-depth and engaging content on political affairs, social issues, and current events that matter to our readers. Our mission is to provide accurate, unbiased reporting that empowers citizens to make informed decisions in a rapidly changing world.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Insights and Analysis

Opinion

The Congress party’s lackluster performance in Maharashtra’s Assembly elections revealed deep-rooted strategic flaws and organizational challenges. From the outset, the grand old party made...

Opinion

The recent by-election results in Uttar Pradesh have once again reaffirmed Chief Minister Yogi Adityanath’s stronghold in the state’s politics, sending a clear message...

Opinion

The world is currently passing through one of the most dangerous periods of geopolitical instability since World War II. The ongoing war between Russia...

Opinion

The Maharashtra Assembly Election 2024 has reshaped the state’s political landscape, delivering a resounding victory to the Mahayuti alliance (BJP, Eknath Shinde’s Shiv Sena,...