पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस का हर्षोल्लास बखूबी देखा जा सकता है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने की खुशी में सरकार ने इसे “अमृत महोत्सव” के रूप में मनाने का ऐलान किया है। इसके तहत 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक “हर घर तिरंगा” कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
तिरंगा फहराने के संबंध में संविधान में कई नियम उद्धृत किए गए हैं। सरकार ने इस वर्ष उन्हें नियमों में कुछ संशोधन किया है जिसे आप को जान लेना अति आवश्यक है जिससे कि तिरंगा फहराने में आप से कोई गलती ना हो। आईए जानते हैं कि तिरंगा फहराने से संबंधित किन-किन नियमों में और क्या-क्या सुधार किया गया है।
दिन रात कभी भी फहरा सकते हैं
पहले यह नियम था कि आप सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले तक झंडा फहरा सकते हैं। सूर्यास्त होने से पहले झंडा को उतार लिया जाता था लेकिन अब इस नियम में बदलाव कर दिया गया है। नए नियम में यह प्रावधान किया गया है कि आप तिरंगा दिन और रात कभी भी फहरा सकते हैं। तिरंगा फहराते वक्त यह ध्यान रहे कि आप इसे उल्टा ना फैला दें। केसरिया रंग का भाग हमेशा ऊपर आना चाहिए। आप जिस झंडे को फहरा रहे हैं वह क्षतिग्रस्त ना हो, इसका भी आपको ध्यान रखना होगा और ना ही तिरंगा जमीन में स्पर्श करना चाहिए।
सभी अवसरों पर फहरा सकते हैं तिरंगा
पहले यह नियम था कि केवल कुछ विशिष्ट अवसरों पर ही तिरंगे को फहराया जा सकता है लेकिन इस नियम में बदलाव कर दिया गया है। सरकारी एवं निजी संस्थान हो सार्वजनिक स्थलों में या फिर आपका निजी घर हो आप सभी अफसरों पर तिरंगा फहरा कर उसके प्रति सम्मान प्रकट कर सकते हैं। भारतीय झंडा संहिता 2002 के भाग दो के पैरा 2.2 यह के खंड 11 को अब इस तरह कहा जाएगा कि “जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है”।
यदि झंडा क्षतिग्रस्त हो जाए तो क्या करें
यदि आपका ध्यान रहा क्षतिग्रस्त हो गया हो तो उसके लिए सरकार ने एक नियम निर्धारित किए गए हैं जिसके अंतर्गत या कहा गया है कि उस क्षतिग्रस्त को किसी भी हालत में डिस्पोज किया जाना चाहिए ताकि उसकी गरिमा बनी रहे। भारतीय ध्वज संहिता में कहा गया है कि इसे निजी तौर पर गुप्त तरीके से डिस्पोज किया जाना चाहिए।
हर तरह के बने झंडे फहरा सकते हैं
सरकार ने झंडे से जुड़ा हुआ एक और नियम में बदलाव किया है। पहले मशीन से बना हुआ झंडा या पॉलिस्टर झंडा फहराने की अनुमति नहीं दी गई थी। नए नियमों में इसे सुधार करते हुए अंकित किया गया है कि यह झंडा काता, हाथ से बुना हुआ या मशीन से बनाया हुआ रेशमी/पॉलिस्टर/कपास/ऊन/खादी से बना होगा।