बिरसा हरित ग्राम योजना बनी महत्वपूर्ण कड़ी
रांची: मनरेगा के तहत लॉकडाउन में राज्य सरकार ने रोजगार सृजन पर विशेष फोकस किया गया था। रोजगार सृजन में यह उपलब्धि विभिन्न अभियानों के संचालन से संभव हो पाया। मानव दिवस सृजन में हुई वृद्धि में राज्य सरकार द्वारा रोजगार सृजन एवं उपयोगी परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए प्रारम्भ की गई बिरसा हरित ग्राम योजना महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई।
गुमला के ईचा गांव की राजकुमारी देवी उन हजारों लाभुकों में से एक हैं, जिन्हें बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए अपने आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग सरकार के सहयोग से प्रशस्त किया। आज राजकुमारी देवी की बाड़ी में आम के पौधे और हरी सब्जियां लहलहा रही हैं।
लगातार बढ़ते कदम
बिरसा हरित ग्राम योजना का क्रियान्वयन राज्य भर में कराया गया है। इस योजना के माध्यम से फलदार और इमारती पौधरोपण के माध्यम से ग्रामीणों की आजीविका को समृद्ध बनाया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में 25,695.3 एकड़ भूमि पर 28,047,32 फलदार एवं 7,047,89 इमारती लकड़ी से संबंधित पौधरोपण किया गया और उससे 30,023 परिवार को जोड़ा गया। वहीं, वर्ष 2021-22 में 24,533 परिवार को जोड़ते हुए 20,645.48 एकड़ भूमि पर 21,597,22 फलदार एवं 12,649,86 इमारती लकड़ी से संबंधित पौधरोपण किया गया।
इस तरह दो वित्तीय वर्ष में 54,556 परिवार को लाभ पहुंचाते हुए 46,340.78 एकड़ भूमि पर 49,644,54 फलदार एवं 19,697,75 इमारती पौधों का रोपण किया गया। पूर्व के वर्षों में मनरेगा में जहां औसतन लगभग 1.5 लाख लोग प्रतिदिन कार्य करते थे। वहीं, वर्तमान सरकार के प्रयास से विगत ढाई वर्ष में औसतन लगभग 4 से 5 लाख लोग प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं। फलस्वरूप मानव दिवस के सृजन में बढ़ोत्तरी हुई है। इस बढ़ोत्तरी में बिरसा हरित ग्राम योजना का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।