नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दलीय भावना और राजनीति के कारण कुछ लोग देश और राष्ट्रीय हितों की अवहेलना कर देश में विभाजन पैदा करने का कुचक्र रच रहे हैं, जिसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरा होने के अमृत काल में पूरे देश को एकजुट रहकर सामूहिक प्रयासों से चुनौतियों का सामना करने के लिए संकल्पबद्ध होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता देश की विकास यात्रा और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी आज देश में अंग्रेजों की नीति का अनुसरण करते हुए फूट डालो और राज करो के रवैए पर चल रही है। लगता है कि कांग्रेस ने तय कर लिया है कि उसे अगले 100 साल तक सत्ता में नहीं आना है।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी टुकड़े-टुकड़े गैंग की सरगना बन गई है। इससे प्रतीत होता है कि विभाजनकारी राजनीति उसके डीएनए (गुणसूत्र) का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में अपने लम्बे संबोधन में कोरोना महामारी के संकट तथा उससे उबरने के लिए देशवासियों के सफल प्रयास, किसानों के परिश्रम से रिकॉर्ड कृषि उत्पादन, युवाओं की उद्यमशीलता से देश में स्टार्टअप के विस्तार और औद्योगिक उत्पादन एवं निवेश में बढ़ोतरी की उपलब्धियों को गिनाया।
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद में सदन ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया।
मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का आरंभ करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथनों का सिलसिलेवार खंडन किया। हालांकि उन्होंने एक बार भी राहुल का नाम नहीं लिया। मोदी ने एक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करने के लिए विष्णु पुराण के हजारों वर्ष पूर्व लिखे गए श्लोक को उद्धृत किया। विष्णु पुराण में कहा गया है कि समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण जो भूभाग है, उसे भारत कहते हैं तथा उसकी सन्तान भारती कहलाती है।
मोदी ने इस संबंध में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुस्तक भारत की खोज का भी हवाला दिया, जिसमें पंडित नेहरू ने एक राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख किया था।
मोदी ने कांग्रेस पर विघटनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी की सत्ता में आने की इच्छाशक्ति खत्म हो गई है। यही कारण है कि वह इस नीति पर चल रही है कि जब कुछ मिलने वाला नहीं है तो कम से कम काम तो बिगाड़ दो। उन्होंने कहा कि अंग्रेज चले गए लेकिन उनकी फूट करो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता जमीनी हकीकत और जड़ों से कटे हुए लोग हैं। यदि कोई उन्हें सच्चाई का आईना दिखाते हैं तो वह आईना ही तोड़ देने पर आमादा हो जाते हैं। मोदी ने इस कथन के संबंध में एक शेर कहा, “वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ। नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे। जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे, वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे।”
मोदी ने कहा कि कुछ लोग की सुई वर्ष 2014 के कालखंड के समय पर ही अटकी हुई है। ऐसे लोग सैकड़ों वर्ष की गुलामी के कालखंड और उसकी मानसिकता से आजादी के 75 साल बाद भी उबर नहीं पाये हैं। यह गुलामी की मानसिकता किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए बहुत बड़ा संकट है।
कांग्रेस नेताओं की विशेषाधिकार पर आधारित जीवनशैली पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि इतने वर्षों तक देश पर राज करने वाले और महलों जैसे घरों में रहने वाले लोग आम देशवासियों, विशेषकर छोटे किसानों के कल्याण की बात भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए छोटे किसानों को सशक्त बनाना एक अनिवार्य शर्त है। उनकी सरकार की प्राथमिकता छोटे किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करना है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक उबरने के लिए देश के सामूहिक प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने इसके खिलाफ लड़ाई को भी कमजोर बनाने की कोशिश की। कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्य चेतावनी की अवहेलना करते हुए प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र और दिल्ली से अपने घरों को लौटने के लिए उकसाया गया। इससे अफरातफरी की स्थिति पैदा हुई ।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने में सहायता करने की बजाय कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थक बुद्धिजीवियों और मीडिया के एक वर्ग ने दुनिया में भारत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने राहुल का नाम लिये बिना कहा कि कुछ नेता मेक इन इंडिया अभियान का भी मजाक और उपहास कर रहे हैं। राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने देश को स्वदेशी का मंत्र दिया था। राष्ट्रपिता की विरासत पर दावा करने वाली कांग्रेस आज उन्हीं के विचारों का अनादर कर रही है।
मोदी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नेहरू के कई कथनों का भी हवाला देकर कांग्रेस नेताओं की आलोचना का उत्तर दिया। मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू ने लाल किले से कहा था कि कोरिया और अमेरिका जैसे देशों के घटनाक्रम से अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है तथा महंगाई का संकट पैदा होता है। मोदी ने कांग्रेस सरकारों पर देश की रक्षा सेनाओं की आवश्यकताओं को नजर अंदाज करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद से मामलों को वर्षों तक लटकाये रखा जाता था। जब तक उनपर फैसला करने की बारी आती थी, तब तक रक्षा प्रौद्योगिकी पुरानी हो जाती थी। उन्होंने कहा, “यदि हम रक्षा क्षेत्र को देखें तो सारी बातें समझ आती हैं, वह क्या करते थे, कैसे करते थे, क्यों करते थे और किसके लिए करते थे।” हमारी सरकार ने रक्षा खरीद की सारी प्रक्रियाओं को आसान बनाया है।
मोदी ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश की विभिन्न विकास परियोजनाओं मे हुई देरी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किस प्रकार पुरानी योजनाओं को लम्बे अंतराल के बाद शुरू किया गया है।
मोदी ने कहा कि देश में अनेक ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने पिछले तीन चार दशकों से कांग्रेस पार्टी को सत्ता में आने का मौका नहीं दिया है। इसमें नगालैंड, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, गोवा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार शामिल हैं।
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