राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस नाम की बीमारी को महामारी कानून, 1897 के तहत महामारी घोषित कर दी है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसकी अधिसूचना जारी कर इसे अधिसूचित बीमारी घोषित कर दी। इसके अनुसार राज्य में किसी भी सरकारी या निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के संदिग्ध या प्रमाणित मामले सामने आते हैं तो उसकी सूचना सिविल सर्जन के माध्यम से एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईएसडीपी), स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। गौरतलब है कि कई कोरोना मरीजों में ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लैक फंगस को अधिसूचित किया गया है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई निर्देश जारी किये गये हैं। विभाग के निर्देश के तहत इस एक्ट के अनुसार सभी निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा म्यूकोरमाइकोसिस के सभी संदिग्ध एवं प्रमाणित मरीजों के मामलों को जिला के सिविल सर्जन के माध्यम से एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट की जाएगी।
दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा
इसके अधिसूचित बीमारी घोषित होते ही सभी निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा म्यूकोरमाइकोसिस से संबंधित जांच, इलाज एवं प्रबंधन के मामले में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख इस रोग के संबंध में समय-समय पर जांच, इलाज एवं प्रबंधन को लेकर यथोचित आदेश जारी कर सकेंगे।
राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस नाम की बीमारी को महामारी कानून, 1897 के तहत महामारी घोषित कर दी है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसकी अधिसूचना जारी कर इसे अधिसूचित बीमारी घोषित कर दी। इसके अनुसार राज्य में किसी भी सरकारी या निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के संदिग्ध या प्रमाणित मामले सामने आते हैं तो उसकी सूचना सिविल सर्जन के माध्यम से एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईएसडीपी), स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। गौरतलब है कि कई कोरोना मरीजों में ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लैक फंगस को अधिसूचित किया गया है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई निर्देश जारी किये गये हैं। विभाग के निर्देश के तहत इस एक्ट के अनुसार सभी निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा म्यूकोरमाइकोसिस के सभी संदिग्ध एवं प्रमाणित मरीजों के मामलों को जिला के सिविल सर्जन के माध्यम से एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट की जाएगी।
दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा
इसके अधिसूचित बीमारी घोषित होते ही सभी निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा म्यूकोरमाइकोसिस से संबंधित जांच, इलाज एवं प्रबंधन के मामले में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख इस रोग के संबंध में समय-समय पर जांच, इलाज एवं प्रबंधन को लेकर यथोचित आदेश जारी कर सकेंगे।