बाबा रामदेव के निशाने पर है फार्मा कंपनियां, खोलेंगे कंपनियों की पोल

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इन दिनों योग गुरु बाबा रामदेव कुछ ज्यादा ही सुखियों में नजर आरहे है और इसका कारण उनके एक के बाद एक दिए गए विवादित बयान है। उन्होंने पिछले दिनों एलोपैथी, डॉक्टर्स और ज्योतिष शास्त्र को लेकर बयान दिया था। हालांकि, उन्होंने बाद में अपने द्वारा दिए हर बयान को वापस ले लिया था। उसके बावजूद भी बाबा रामदेव के बयानों का मुद्दा काफी दिन चला। इनके बाद बीते दिनों उनकी कोरोना किट के कारण दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को समन भेजा है। वहीं, अब बाबा रामदेव ने फार्मा कंपनियों की पोल खोलने की बात कही है।

बाबा रामदेव खोलेंगे फार्मा कंपनियों की पोल :

दरअसल, पिछले दिनों कई विवादित बयान देने के बाद अब बाबा रामदेव के निशाने पर फार्मा कंपनियां नजर आरही है। क्योंकि उन्होंने इस बार फार्मा कंपनियों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने योग शिविर में शुक्रवार को साधकों को योगासन कराते हुए कहा कि, ‘उनकी लड़ाई गलत काम करने वालों के खिलाफ है। और सोमवार से वो फार्मा कंपनियों की पोल खोलेंगे। वह पहले से कह रहे हैं। उनकी जो मर्जी वो कर लें। दवा ही नहीं, टेस्ट और ऑपरेशन माफिया भी हैं, जो मरीजों को लूट रहे हैं। वह अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर जेनेरिक दवाओं की लिस्ट डालेंगे, जो मात्र दो रुपये की बिकती हैं। वहीं ब्रांडेड कंपनियों की वही दवाएं कई गुना महंगी बिकती हैं।’

बाबा रामदेव का आरोप लगाया :

योग शिविर में ही बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कुछ डॉक्टर्स पर आरोप लगते हुए कहा कि, ‘कुछ बुरे डॉक्टर्स ऐसे भी है जो, सिर्फ महंगी दवाएं ही मरीजों के पर्चे पर लिखते हैं। ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं लिखने वाले डॉक्टर कमीशन खाते हैं। जेनरिक दवाएं न लिखकर उसी साल्ट की महंगी दवाएं लिखते हैं। इनके इस खेल को बंद करवाने के लिए कोर्ट भी जाऊंगा। कोरोना के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने वाला पेंट भी आ गया है। पेंट में IMA वालों को इम्यूनिटी दिखती है, लेकिन कोरोनिल और कपाल भाति में इम्यूनिटी नजर नहीं आती है।’

रूद्राक्ष और तुलसी माला पर क्यों सवाल :

बाबा रामदेव ने रूद्राक्ष और तुलसी माला पहनने को लेकर कहा कि, ‘रूद्राक्ष और तुलसी की माला पहनने पर भी कुछ लोग सवाल उठाते हैं। हम किसी की टोपी और क्रॉस पहनने पर सवाल नहीं उठाते हैं तो, हमसे रूद्राक्ष और तुलसी की माला पहनने पर क्यों पूछा जाता है। माला पहनने का अपना विज्ञान है।’

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