अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 10 स्थानों की छलांग लगाकर ‘फॉर्च्यून ग्लोबल 500’ सूची की शीर्ष 100 कंपनियों में शामिल हो गयी है। फॉर्च्यून पत्रिका ने मंगलवार को यह सूची जारी की।
तेल, पेट्रोरसायन, खुदरा और दूरसंचार जैसे क्षेत्र में काम करने वाली रिलायंस को फॉर्च्यून की 2020 की इस वैश्विक कंपनियों की सूची में 96वां स्थान मिला है।
फॉर्च्यून की शीर्ष 100 की सूची में शामिल होने वाली रिलायंस इकलौती भारतीय कंपनी है। इससे पहले रिलायंस इस सूची में 2012 में 99वें स्थान पर रही थी, लेकिन बाद के वर्षों में फिसलते हुए 2016 में 215वें स्थान पर पहुंच गयी थी। हालांकि उसके बाद से लगातार रिलायंस की रैंकिंग में सुधार हुआ है।
‘फॉर्च्यून ग्लोबल 500’ में 34 अंक फिसलकर सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन 151वें स्थान पर रही। वहीं तेल एवं प्राकृतिक गैर निगम (ओएनजीसी) की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले 30 स्थान खिसकर 190वीं रही।
देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक की रैकिंग में 15 का सुधार हुआ और यह 221वें स्थान पर रहा।
इस सूची में शामिल होने वाली अन्य भारतीय कंपनियों में भारत पेट्रोलियम 309वीं, टाटा मोटर्स 337वीं और राजेश एक्पोर्ट्स 462वीं रैंक पर रहीं।
‘फॉर्च्यून ग्लोबल 500’ में कंपनियों को उनके पिछले वित्त वर्ष की कुल आय के आधार पर शामिल किया जाता है। भारत की स्थिति में कंपनियों को 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के परिणामों के आधार पर इस सूची में शामिल किया गया है।
‘फॉर्च्यून ग्लोबल 500’ में इस साल शीर्ष पर वालमार्ट रही। इसके बाद तीन चीनी कंपनियों साइनोपेक समूह, स्टेट ग्रिड और चाइना नेशनल पेट्रोलियम का स्थान रहा। सूची में पांचवे स्थान पर रॉयल डच शेल और छठे पर सऊदी अरब की प्रमुख तेल कंपनी अरामको रही।
सूची में वालमार्ट, साइनोपेक और चाइना नेशनल पेट्रोलियम के स्थान में कोई बदलाव नहीं हुआ। जबकि स्टेट ग्रिड ने दो स्थान की बढ़त हासिल की और शेल दो स्थान नीचे खिसक गयी।