फेसबुक इंडिया के वाइस प्रसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ”फेसबुक हमेशा से एक खुला, पारदर्शी और गैर-पक्षपातपूर्ण मंच रहा है, जहां लोग खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हमारे ऊपर पूर्वाग्रह का आरोप लगाया गया है कि हम अपनी नीतियों को पक्षपातपूर्ण तरीके से लागू करते हैं। हम पूर्वाग्रह के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं और यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम किसी भी रूप में घृणा व कट्टरता की निंदा करते हैं।”
फेसबुक पर आरोप यह लगा हैं कि उसने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं की पोस्ट पर हेट स्पीच नियम को लागू नहीं किया। हाल ही में वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में यह आरोप लगा था कि फेसबुक की कंटेंट पॉलिसीज का भारत में बिना भेदभाव के पालन नहीं हो रहा है और बीजेपी पर नरमी बरती जा रही है।
भारत में पूर्वाग्रह को लेकर अपने वैश्विक कर्मचारियों के विरोध के बीच फेसबुक ने अपने कर्मचारियों का भी सार्वजनिक रूप से बचाव किया। उन्होंने यह भी कहा कि फेसबुक के पास सामग्रियों को लेकर एक निष्पक्ष दृष्टिकोण है और वह अपने सामुदायिक मानकों पर दृढ़ता से अमल करती है। उन्होंने कहा, “हम किसी की राजनीतिक स्थिति, पार्टी संबद्धता या धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास की परवाह किये बिना विश्व स्तर पर इन नीतियों को लागू करते हैं। हमने भारत में सार्वजनिक हस्तियों द्वारा पोस्ट की गयी उन सामग्रियों को हटाया है, जो हमारे सामुदायिक मानकों का उल्लंघन करती हैं। हम आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे।