कोरोना के केस कम होने लगे हैं। अब जनता उम्मीद कर रही है कि राज्य सरकार कोरोना कर्फ्यू में कुछ रियायत देगी, हालांकि ऐसा तभी होगा जब हालात पूरी तरह नियंत्रण में होंगे। प्रदेश में सख्त कोविड कर्फ्यू का पॉजिटिव असर दिखने लगा है। कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, रिकवरी रेट बढ़ रहा है। अब जनता उम्मीद कर रही है कि राज्य सरकार कोरोना कर्फ्यू में कुछ रियायत देगी, हालांकि ऐसा तभी होगा जब हालात पूरी तरह नियंत्रण में होंगे। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने भी साफ कहा है कि हर रोज का आंकड़ा 1 हजार से नीचे आने के बाद ही रियायत देने पर विचार किया जाएगा। सरकार राज्य में संक्रमण की स्थिति का आंकलन करने के बाद ही कर्फ्यू में ढील देने को लेकर कोई फैसला करेगी। माना जा रहा है कि 30 मई तक सख्ती बरकरार रहेगी। कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता भी कह चुके हैं कि संक्रमण की दर में कमी आने पर कोरोना कर्फ्यू में ढील देने पर विचार किया जा सकता है, लेकिन ऐसा न होने पर और सख्ती की जाएगी.
हाड़ी राज्य उत्तराखंड इस वक्त बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियों से गुजर रहा है। क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिहाज से ये छोटा प्रदेश है, लेकिन यहां Corona के मामले तेजी से बढ़े हैं। कोरोना के एक्टिव केस ही नहीं इससे होने वाली मौतों के मामले में भी उत्तराखंड हिमालयी राज्यों में टॉप पर है। संक्रमण से निपटने के लिए यहां सख्त कोविड कर्फ्यू लगाया गया है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोरोना के नए केस लगातार घट रहे हैं, लेकिन सरकार इस सुधार को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। ग्रामीण इलाकों में संक्रमण दर बढ़ गई है, ऐसे में माना जा रहा है कि 30 मई तक प्रदेश में सख्ती बरकरार रह सकती है। बात करें नए कोरोना मामलों की तो उत्तराखंड में शुक्रवार को 3626 मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए। जबकि 8731 मरीज ठीक हुए हैं। अभी भी राज्य में कोरोना के 63373 एक्टिव केस मौजूद हैं।