उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर बारिश के बीच नेपाल तथा अन्य कई स्थानों पर बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण संकट गहरा गया है। गंगा, घाघरा, राप्ती और शारदा समेत अनेक नदियां जगह-जगह उफान पर हैं। प्रदेश के 14 जिलों के सैकड़ों गांव इन उफनाई नदियों के पानी में घिर गए हैं। बिहार में नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
आयुक्त कार्यालय से रविवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, मऊ, बस्ती, गोंडा, संत कबीर नगर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर जिलों में बाढ़ से कुल 455 गांव प्रभावित हैं। उनमें से 98 गांवों का संपर्क बाकी इलाकों से पूरी तरह कट गया है। उत्तर प्रदेश में बाढ़ पीड़ितों के ठहरने के लिए 96 आश्रय स्थल बनाए गए हैं। राहत तथा बचाव कार्य के लिए 653 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए 835 नौकाएं इस्तेमाल की जा रही हैं।
सैकड़ों हेक्टेयर फसल जलमग्न
बाढ़ की वजह से सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल जलमग्न हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को फसल के नुकसान का जायजा लेकर प्रभावित किसानों को तत्काल कृषि निवेश अनुदान दिए जाने का आदेश दिया है। उन्होंने इसके साथ ही निर्देश दिया कि राज्य स्तर पर स्थापित एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र और जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्षों के जरिए बाढ़ की स्थिति की लगातार समीक्षा की जाए।
घाघरा और राप्ती का रौद्र रूप
केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अयोध्या और तुर्तीपार में इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा राप्ती नदी का जलस्तर बर्ड घाट (गोरखपुर) में खतरे के निशान को पार कर गया है जबकि बलरामपुर, बांसी (सिद्धार्थनगर) और रिगोली (गोरखपुर) में इसका जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक बना हुआ है। बूढ़ी राप्ती ककरही (सिद्धार्थनगर) में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। इसके अलावा, गंगा नदी भी कचला ब्रिज (बदायूं) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के कुछ स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है, जबकि आगामी चार और पांच अगस्त को प्रदेश के अनेक स्थानों पर वर्षा होने के आसार हैं।
बिहार में बढ़ते जलस्तर ने मुश्किल बढ़ाई
राज्य की नौ नदियां एक बार फिर लाल निशान के ऊपर बहने लगी हैं। रविवार को लगातार चौथे दिन गंडक नदी अपने नए रिकार्ड पर कायम है तो बूढ़ी गंडक भी रोज ऊपर चढ़ रही है। कमला और बागमती भी रविवार को ऊपर चढ़ी है। गंडक में पानी के दबाव से गोपालगंज में कई जगह जमींदारी बांध टूट गया। बांध पर पशुओं और लोगों के शरण लेने के कारण मरम्मत में भी कठिनाई हो रही है।गंगा इलाहाबाद से कहलगांव तक लाल निशान से नीचे है। पटना में इसका जलस्तर स्थिर है, लेकिन दूसरी जगहों पर कम हुआ है।
सारी नदियों में बागमती नदी सीतामढ़ी के कटौंझा में लाल निशान से 2.07 मीटर ऊपर है। मुजफ्फरपुर में 96 सेमी और दरभंगा में दो मीटर 21 सेमी मीटर ऊपर बह रही है। कमला नदी जयनगर में लाल निशान से नीचे आ गई थी, लेकिन रविवार को फिर 35 सेमी ऊपर चली गई है। मुजफ्फरपुर जिले में रविवार तड़के तिरहुत नहर का तटबंध टूट जाने से छह गांवों में पानी भर गया। महानंदा नदी पूर्णिया और किशनगंज में काफी उफनाई हुई है