भारत में फिर Tik Tok की वापसी पर लगा ग्रहण, जानें सौदे से क्यों पीछे हटा माइक्रोसॉफ्ट

The Political Observer Staff By The Political Observer Staff
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से सोशल नेटवर्किंग ऐप टिकटॉक को बंद करने की चेतावनी के बाद टेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने उसे (टिकटॉक को) खरीदने के लिए की उसकी निर्माता कंपनी बाइटडांस के साथ चल रही बातचीत पर फिलहाल रोक दी है। इससे टिकटॉक के दोबारा भारत में फिर से लौटने पर ग्रहण लग गया है।

ट्रंप ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि वह टिकटॉक को बंद करने की योजना बना रहे है जो अमेरिकी से संचालन करने वाली सोशल नेटवर्किंग ऐप यूट्यूब और फेसबुक की संभावित प्रतिद्वंद्वी है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि सरकार टिकटॉक को बंद करने के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है।

द वाल स्ट्रीट जर्नल ने इस मामले के जानकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को कहा कि बाइटडांस और माइक्रोसॉफ्ट, टिकटॉक पर भविष्य में की जाने वाली कार्रवाई को लेकर स्थित के स्पष्ट होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जर्नल के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद टिकटॉक ने अगले तीन वर्षों के दौरान अमेरिका में दस हजार नौकरी पैदा करने की भी बात कही है।

ट्रम्प के इस बयान से पहले ही टिकटॉक की खरीद के लिए माइक्रोसॉफ्ट और बाइटडांस के बीच बातचीत अंतिम चरण में थी और सोमवार तक इस सौदे के हो जाने अनुमान था।  इससे पहले जुलाई में विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि सरकार निजता के उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है हालांकि टिकटॉक का कहना है कि उसके पास उपभोक्ताओं का डाटा सुरक्षित रहता है और यह चीनी अधिकारियों के साथ साझा नहीं किया जाता है।

इस बीच चीन ने अमेरिका से कहा है कि वह सरकारी तंत्र के जरिये चीनी कंपनियों पर दबाव डालना बंद करे। अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीव म्नुचिन ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि प्रशासन टिकटॉक की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर समीक्षा कर रहा है जिसके बाद आवश्यकता अनुसार विभाग टिकटॉक पर कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को सलाह देगा।

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