मुंबई: देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इंडियन नेवा के दो युद्धपोत लॉन्च किए. मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड से INS सूरत और INS उदयगिरी नौसेना में शामिल हुए.
इस कार्यक्रम में देश के रक्षामंत्री राजनाथ पहुंचे और इन दोनों युद्धपोतों को देश को समर्पित किया. भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए यह मौका बेहद खास है, क्योंकि ये दोनों युद्धपोत पूरी तरह से स्वदेशी हैं. INS सूरत, प्रोजेक्ट 15बी का विध्वंसक (Destroyer) पोत है और INS उदयगिरी, प्रोजेक्ट 17ए का युद्धपोत (Frigate) है. इनमें लगाए गए ज्यादातर उपकरणों के देश के ही अलग-अलग लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) से खरीदा गया है, ताकि आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) योजना को बढ़ावा दिया जा सके.
राजनाथ सिंह ने किया उद्घाटन
मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंचे. विधिवत पूजा के बाद ये दोनों युद्धपोत देश की नौसेना को समर्पित कर दिए गए.
यह युद्धपोत 15बी प्रोग्राम के तहत बनने वाला चौथा और आखिरी विध्वसंक पोत है. इसकी खासियत यह है कि यह राडार को भी चकमा दे सकता है. इसका वजन 7400 टन और इसकी लंबाई 163 मीटर है. यह विध्वंसक पोत 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता है.
क्यों खास है INS सूरत?
INS सूरत पर चार इंटरसेप्टर बोट के साथ-साथ 50 अफसर और 250 जवान रह सकते हैं. यह लगभग 45 दिनों तक समुद्र में रह सकता है और एक बार में 7400 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकता है. इसमें ब्रह्मोस जैसे अत्याधुनिक मिसाइल, ऐंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर और कई अन्य आधुनिक हथियार सेट किए जा सकते हैं.
INS उदयगिरी- 17A Frigate
युद्धपोत INS उदयगिरी 17ए सीरीज का हिस्सा है. इसका नाम आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है. यह इस सीरीज का तीसरा पोत है. इसमें बेहतर हथियार और सेंसर लगाए गए हैं. आपको यह भी बता दें कि INS उदयगिरी सीरीज के युद्धपोत कई दशकों के लिए नौसेना के लिए काम कर रहे हैं.
नया युद्धपोत पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया गया है. इसमें अत्याधुनिक हथियार, सेंसर और प्लैटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम भी लगाए गए हैं. इस सीरीज के सात और युद्धपोत तैयार किए जा रहे हैं जो आने वाले समय में नौसेना को मजबूती देंगे.
इंडियन नेवी ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि भारत ने आजादी से अब तक 9 अलग-अलग कैटगरी के 90 से अधिक युद्धपोतों को डिजाइन किया है. मेक इन इंडिया के एक राष्ट्रीय मिशन बनने से 50 वर्ष पहले से ही भारतीय नौसेना ने देश में पोत-निर्माण को बढ़ावा दिया है. इसके अलावा, साल 1964 में घरेलू सेंट्रल डिज़ाइन ऑफिस के निर्माण के माध्यम से नौसेना ने देश में पोत निर्माण की दिशा में रचनात्मक कदम उठाए हैं.