उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के रहने वाले ये 29 लोग उत्तराखंड के चमोली ज़िले में तपोवन-विष्णुगढ़ हाइड्रोपावर परियोजना में काम कर रहे थे और इस साल फरवरी महीने में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ के कारण हुए हादसे के बाद से लापता थे. अचानक आई बाढ़ से चमोली ज़िले के रैणी और तपोवन क्षेत्र में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था.
लखनऊः उत्तराखंड के चमोली त्रासदी में लापता हुए उत्तर प्रदेश के 29 मजदूरों को मृत घोषित कर दिया गया है. ये लापता लोग लखीमपुर खीरी के निघासन के रहने वाले हैं, जो उत्तराखंड काम करने गए थे.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले ये 29 लोग चमोली जिले में तपोवन-विष्णुगढ़ हाइड्रोपावर परियोजना में काम कर रहे थे और इस साल फरवरी महीने में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ के कारण हुए हादसे के बाद से लापता थे.
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, इन लापता लोगों को मृत घोषित करने के बाद अब पीड़ित परिवार को सहायता राशि मिल सकेगी.
मृतक मजदूरों के परिवार के सदस्यों को 29-29 लाख रुपये (प्रति मजदूर) बतौर आर्थिक सहायता दिए जाएंगे. इनमें से 20 लाख रुपये नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी), चार लाख रुपये उत्तराखंड आपदा राहत कोष, एक लाख रुपये उत्तराखंड की लाभार्थी योजना और दो-दो लाख रुपये उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की ओर से दिए जाएंगे.
बता दें कि इससे पहले लखीमपुर खीरी प्रशासन ने लापता हुए इन 29 लोगों के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं होने पर चमोली प्रशासन को पत्र लिखा था.
खीरी प्रशासन ने लापता लोगों की जांच और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं होने के बाद उत्तराखंड को एक रिपोर्ट भेजी थी. जिला प्रशासन की एक टीम ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात भी की थी.
बता दें कि चमोली के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा और अलकनंदा नदियों में बाढ़ आ गई थी, जिससे इलाके की दो पनबिजली परियोजना और पास के कुछ घर नष्ट हो गए थे.