देश में कच्चे तेल का उत्पादन अप्रैल में दो प्रतिशत तक घट गया जबकि, प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 23 प्रतिशत की तेजी देखी गई है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि गत अप्रैल में देश में 24.93 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन हुआ। यह अप्रैल 2020 के 25.46 लाख टन की तुलना में 2.07 प्रतिशत कम है। मंत्रालय ने इस साल अप्रैल के लिए 24.65 लाख टन का लक्ष्य रखा था।
उत्पादन साझेदारी अनुबंधों के तहत आवंटित गैस क्षेत्रों में उत्पादन तीन गुणा होने से प्राकृतिक गैस का उत्पादन 22.68 प्रतिशत बढ़कर 26.79 लाख टन पर पहुंच गया। पिछले साल अप्रैल में इसका उत्पादन 21.61 लाख टन रहा था। हालांकि यह 26.79 लाख टन के लक्ष्य से कम है।
ओएनजीसी का कच्चा तेल उत्पादन 2.69 प्रतिशत घटकर 16.37 लाख टन और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 0.01 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 17.26 लाख टन रहा। ऑयल इंडिया लिमिटेड का कच्चे तेल का उत्पादन 2.22 प्रतिशत कम होकर 2.43 लाख टन रह गया जबकि प्राकृतिक गैस का उत्पादन 6.47 प्रतिशत बढ़कर 2.15 लाख टन पर पहुंच गया।
देश में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत पिछले साल अप्रैल की तुलना में 81.6 प्रतिशत बढ़कर 170 लाख टन पर पहुंच गई। अप्रैल 2020 में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और उद्योग आदि भी लगभग पूरी तरह बंद रहने से मात्र 94 लाख टन पेट्रोलियम उत्पादों की खपत हुई थी। अप्रैल में रसोई गैस की खपत 21 लाख टन पर एक साल पहले के बराबर रही। पेट्रोल की खपत 10 लाख टन से बढ़कर 24 लाख टन पर और डीजल की खपत 33 लाख टन से बढ़कर 67 लाख टन पर पहुंच गई।
इस दौरान एटीएफ की खपत एक लाख टन से बढ़कर चार लाख टन पर पहुंच गई। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में नियमित यात्री उड़ानें पूरी तरह बंद थीं और सिर्फ अनिवार्य सेवाओं के लिए उड़ानों का परिचालन किया जा रहा था।
इससे पहले पिछले पूरे वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोल और डीजल की खपत में कमी आई थी, जबकि रसोई गैस की खपत बढ़ गई थी। पेट्रोल की खपत 300 लाख टन से घटकर 280 लाख टन पर आ गई थी। डीजल की खपत भी 2019-20 के 8.26 करोड़ टन से 11.99 प्रतिशत कम होकर 7.27 करोड़ टन रह गई थी। पिछले वित्त वर्ष में एलपीजी की खपत 276 लाख टन रही। यह वित्त वर्ष 2019-20 के 263 लाख टन से 4.94 प्रतिशत अधिक है