-अब तक 2777 लोगों ने सलाखों के पीछे रहकर की पढ़ाई
चंडीगढ़: पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती और न ही पढ़ाई किसी बंधन की मोहताज है। इसके लिए जरूरत है तो केवल इच्छा शक्ति की और प्रोत्साहन की। हरियाणा की जेलों में बंद ढाई हजार से अधिक कैदी इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के साथ जुड़कर पढ़ाई कर रहे हैं।
इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक/प्रभारी डॉ. धर्म पाल ने शुक्रवार को बताया कि इग्नू ने पिछले पांच वर्षो में हरियाणा की विभिन्न जेलों में बंद 2777 कैदियों को उच्च शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया है। जेलों में बंद होने के बाद पढ़ाई छोड़ चुके कैदियों के लिए इग्नू ने नया रास्ता तैयार किया है।
हरियाणा की जेलों में कैदियों को इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल द्वारा मुफ्त उच्च शिक्षा मुहैया करवाई जा रही है, जिसके लिए कैदियों को किसी प्रकार की फीस का भुगतान नहीं करना पड़ता। जो लोग अज्ञानता के कारण कोई अपराध कर बैठते हैं। उनको जेल जाना पड़ता है, तब उनकी पढ़ाई बीच में छूट जाती है। ऐसे लोगों के लिए इग्नू वरदान की तरह है जोकि ऐसे लोगों को जेल में रहते हुए उच्च शिक्षा देने का कार्य कर रहा है।
धर्मपाल ने बताया कि जनवरी 2017 में 230, जुलाई 2017 में 353, जनवरी 2018 में 305, जुलाई 2018 में 285, जनवरी 2019 में 446, जुलाई 2019 में 503, जनवरी 2020 में 156, जुलाई 2020 में 61, जनवरी 2021 में 178, जुलाई 2021 में 78 और जनवरी 2022 में 182 कैदियों ने इग्नू द्वारा दिखाए उच्च शिक्षा के रास्ते को चुना है। जुलाई 2022 सत्र के दाखिले अभी चल रहे हैं, जिसकी अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गयी है।
जेल का नाम पढ़ाई करने वाले कैदियों की संख्या
करनाल 170
सिरसा 129
कुरुक्षेत्र 185
भिवानी 164
यमुनानगर 174
हिसार 298
जींद 937
सोनीपत 354
हिसार जुवैनाइल 231
रोहतक 100
कैथल 004
नारनौल 001
झज्जर 030